माता दुर्गा को प्रसन्न कर, उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति प्रति दिन अथवा खास कर नवरात्रा में इस पवित्र दुर्गा चलीसा (Durga Chalisa) का पाठ करना चाहिए। आदिशक्ति मां जगदम्बा को प्रसन्न करने लिए इस पाठ को सर्वोत्तम माना गया है। जो भी भक्त इस पावन दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) का नियमित पाठ करता है उस पर माता
श्री शनि चालीसा – Shri Shani Chalisa मान्यता है कि सूर्य देव के पुत्र भगवान शनि की आराधना से मनुष्य के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है। शनि का चाहे कोई भी दशा आपके जीवन पर प्रभाव डाल रहा हो चाहे वो साढेसाती हो या महादशा, आप को महाराज दशरथ रचित शनि चालीसा (Shani Chalisa) के पाठ से
सभी चालीसा पाठ में हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का विशिष्ट स्थान है। श्री हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ महावीर हनुमान को खुश करने का एक अचूक तरीका माना जाता है। इसमें बहुत ही सरल शब्दों में हनुमान जी का वर्णन किया गया है। 40 पंक्तियों के इस हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त पर हनुमान की विशेष कृपा
दुर्गा आरती (Durga Aarti) – जय अम्बे गौरी (Jai Ambe Gauri) जय अम्बे गौरी (Jai Ambe Gauri) माता दुर्गा आरती (Mata Durga Aarati) बहुत ही प्रसिद्ध आरती है। माता की अनुष्ठान , माता की चौकी , नवरात्रा या अन्य किस भी प्रकार के माता की पूजा में यह आरती गाया जाता है। हिन्दू धर्म में माता दुर्गा को शक्ति स्वरूपा
शिव रूद्राष्टकम (Shiv Rudrashtakam) भगवान शिव के अनेक स्तोत्रों में एक विशेष स्तोत्र है शिव रुद्राष्टक (Shiv Rudrashtakam)। जो भी मानव इस विशेष स्तोत्र का नियमित सश्वर श्रद्धापूर्वक पाठ करता है उस पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। रामचरित मानस से लिया गया इस स्तोत्र को नियमियत पाठ कर मनुष्य सभी प्रकार के दुःख, दारिद्र और बाधा से
हनुमान कवच (Hanuman Kavach) प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान कवच का पाठ करने से मनुष्य का सारा दुःख दूर हो जाता है। उसके सारे शत्रु दूर हो जाते हैं और यह उनके जीवन में सुरक्षा प्रदान करता है। इस हनुमत कवच की रचना स्वयं भगवन राम ने की है। प्रभु श्री राम स्वयं इसका पाठ प्रतिदिन राम – रावण युद्ध
शिव चतुर्दशी के दिन शिव पंचाक्षरी मंत्र ( Shiv Panchakshari Mantra ) पढ़ने से सभी मनोकामना पूरी होती है। शिव अर्थात भगवान महादेव की उपासना में शिव पंचाक्षरी मंत्र (Shiv Panchakshari Mantra) बहुत ही विशेष महत्व रखता है। महीने के चतुर्थी तिथि को सुबह स्नान कर शिवलिंग की पूजा करें साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र , धतूरे, धतूरे की फूल इत्यादि का